22 April, 2021

sandhi parichay in hindi / सन्धि परिचय हिंदी व्याकरण

 संधि शब्द का शाब्दिक अर्थ है- योग/मेल/समझौता।

परिभाषा

दो ध्वनियों/वर्णों के मेल/योग से उत्पन्न विकार/ बदलाव/ परिवर्तन को संधि कहते है। संधि प्रक्रिया से बने नए पद को संधिस्त पद कहते है। परि + इक्षा = परीक्षा

वर्णों का मेल तो हो लेकिन विकार उत्पन्न नही हो, ऐसा मेल संधि होकर संयोग कहलाता है। मृग + नयनी = मृगनयनी

प्रथम पद का अंतिम वर्ण और द्वितीय पद का प्रथम वर्ण में योग हो कर विकार उत्पन्न होता है। 

चरण+अरविन्द (चरण् +  + + रविन्द  = (आ)  चरणारविन्द 

संधि विच्छेद- संधिस्त पद में वर्णों के मेल से हुए परिवर्तन को समाप्त करते हुए उन शब्दों को अपने मूल रुप में लाना ही संधि विच्छेद कहलाता है। परीक्षा = परि + इक्षा

संधि के भेद

1 स्वर संधि  =  स्वर + स्वर  = परिर्वतन  = स्वर संधि

2 व्यंजन संधि = स्वर + व्यंजन / व्यंजन + स्वर / व्यंजन + व्यंजन = परिवर्तन = व्यंजन संधि

3 विसर्ग संधि = विसर्ग + स्वर / विसर्ग + व्यंजन = परिवर्तन = विसर्ग संधि

 

स्वर सन्धि

परिभाषा-

दो स्वरों के मेल से उत्पन्न विकार या परिवर्तन को स्वर सन्धि कहते है।

स्वर सन्धि 5 प्रकार की होती है

1 दीर्घ स्वर सन्धि

2 गुण स्वर सन्धि

3 वृद्धि स्वर सन्धि

4 यण स्वर सन्धि

5 अयादि स्वर सन्धि



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https://youtu.be/77tYvIaLySE

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