16 April, 2021

karmadharaya samas in hindi/ कर्मधारय तत्पुरुष समास हिंदी व्याकरण

   परिभाषाः-

 जिस समास के दोनों पदों में विशेष्य -विशेषण या उपमेयउपमान का सम्बन्ध हो उसे कर्मधारय समास कहते हैं  इसमें उत्तरपद प्रधान होता है, क्योंकि यह तत्पुरुष समास का ही उपभेद है समास विग्रह करते समयहै जोयाके समानपदों का प्रयोग करते है।


कृष्णसर्प = कृष्ण है जो सर्प

महादेव = महान्‌ है जो देव

विशेषण - विशेष्य से संबंधित उदाहरण-

सद्धधर्म = सत्है जो धर्म

नीलगगन = नीला है जो गगन

लालटोपी = लाल है जो टोपी

अंधकूप = अंधा है जो कूप

महात्मा = महान्है जो आत्मा

महाराजा = महान्है जो राजा

अधपका = आधा है जो पका

लाल-कुर्ती = लाल कुर्ती

पुरुषरत्न = रत्न है जो पुरुष

पर्णकुटी = पत्तों से बनी कुटी

सज्जन = सत है जो जन

नवयुवक = नव है जो युवक

परमेश्वर = परम है जो ईश्वर

जवाँमर्द = जवान है जो मर्द

नीलगाय = नीली है जो गाय

भ्रष्टाचार = भ्रष्ट है जो आचार

शिष्टाचार = शिष्ट है जो आचार

अल्पाहार = अल्प है जो आहार

वीरांगना = वीर है जो अंगना

वीरबाला = वीर है जो बाला

कापुरुष = कायर है जो पुरुष

मंदबुद्धि = मंद है जो बुद्धि

व्यंग्यार्थ = व्यंग्य है जिस अर्थ में

उच्चायोग = उच्च है जो आयोग

भग्नावशेष = भग्न है जो अवशेष

दुरात्मा = दुर (बुरी) है जो आत्मा

चलसम्पति = गतिशील संपत्ति

शुभागमन = शुभ है जो आगमन

आदिप्रवर्तक = आदि है जो प्रवर्तक

परमानन्द = परम है जो आनन्द

अल्पसंख्यक = अल्प है जो संख्या में

श्वेताम्बर = श्वेत है जो अम्बर (वस्त्र)

नीलाम्बर = नीला है जो अम्बर (वस्त्र)

नीलोत्पल = नीला है जो उत्पल(कमल)

 

सम्पूर्ण व्याख्या सहित विडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें-

https://youtu.be/mnb2YycRq9o

उपमान-उपमेय से संबंधित उदाहरण-

मुखचन्द्र = मुख रूपी चन्द्र

भुजदंड = दंड के समान भुजा

वचनामृत = वचन रूपी अमृत

नरसिंह = नर रूपी सिंह

विद्याधन=  विद्या रूपी धन

प्राणधन = प्राण रूपी धन

ग्रंथरत्न = ग्रंथ रूपी रत्न

क्रोधाग्नि = क्रोध रूपी अग्नि

ज्ञानालोक= ज्ञान रूपी आलोक

करकमल = कर रूपी कमल

आशालता = आशा रूपी लता

कीर्तिलता = कीर्ति रुपी लता

देहलता = देह रूपी लता

भवसागर = भव रूपी सागर

मीनाक्षी = मीन के समान अक्षी

प्राणप्रिय = प्राणों के सामान प्रिय

कमलनयन = क्रमल के समान नयन

मुखारविंद = अरविन्द के सामान मुख

कुसुमकोमल = कुसुम के समान कोमल

पाषाणहृदय = पाषाण के समान हृदय

भक्तिसुधा = भक्ति रूपी सुधा

आशा-किरण = आशा रूपी किरण

भुजदंड = दंड के समान भुजा

मृगलोचन = मृग के सामान लोचन

कनकलता = कनक के समान लता

भवजल = भव (संसार) रूपी जल

विरहसागर = विरह रूपी सागर

पुत्ररत्न = रत्न के सामान पुत्र

लोहपुरुष = लोहे के समान पुरुष

शैलोन्नत = शैल के समान उन्नत

मेघकुतंल = मेघ के समान कुतंल

संसारसागर - संसार रूपी सागर

नरव्याघ्र = नर व्याघ्र के समान

प्राणप्रिय = प्राणों के सामान प्रिय

कमलनयन = क्रमल के समान नयन

मुखारविंद = अरविन्द के सामान मुख

कुसुमकोमल = कुसुम के समान कोमल

पाषाणहृदय = पाषाण के समान हृदय

भक्तिसुधा = भक्ति रूपी सुधा

आशा-किरण = आशा रूपी किरण

भुजदंड = दंड के समान भुजा

मृगलोचन = मृग के सामान लोचन

कनकलता = कनक के समान लता

भवजल = भव (संसार) रूपी जल

विरहसागर = विरह रूपी सागर

पुत्ररत्न = रत्न के सामान पुत्र

लोहपुरुष = लोहे के समान पुरुष

शैलोन्नत = शैल के समान उन्नत

मेघकुतंल = मेघ के समान कुतंल

संसारसागर - संसार रूपी सागर

नरव्याघ्र = नर व्याघ्र के समान


सम्पूर्ण व्याख्या सहित विडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें-

https://youtu.be/mnb2YycRq9o

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