परिभाषाः-
जिस समास के दोनों पदों में विशेष्य -विशेषण या उपमेय–उपमान का सम्बन्ध हो उसे कर्मधारय समास कहते हैं । इसमें उत्तरपद प्रधान होता है, क्योंकि यह तत्पुरुष समास का ही उपभेद है। समास विग्रह करते समय “है जो” या “के समान” पदों का प्रयोग करते है।
कृष्णसर्प = कृष्ण है जो सर्प
महादेव = महान् है जो देव
विशेषण - विशेष्य से संबंधित उदाहरण-
सद्धधर्म = सत् है जो धर्म
नीलगगन = नीला है जो गगन
लालटोपी = लाल है जो टोपी
अंधकूप = अंधा है जो कूप
महात्मा = महान् है जो आत्मा
महाराजा = महान् है जो राजा
अधपका = आधा है जो पका
लाल-कुर्ती = लाल कुर्ती
पुरुषरत्न = रत्न है जो पुरुष
पर्णकुटी = पत्तों से बनी कुटी
सज्जन = सत है जो जन
नवयुवक = नव है जो युवक
परमेश्वर = परम है जो ईश्वर
जवाँमर्द = जवान है जो मर्द
नीलगाय = नीली है जो गाय
भ्रष्टाचार = भ्रष्ट है जो आचार
शिष्टाचार = शिष्ट है जो आचार
अल्पाहार = अल्प है जो आहार
वीरांगना = वीर है जो अंगना
वीरबाला = वीर है जो बाला
कापुरुष = कायर है जो पुरुष
मंदबुद्धि = मंद है जो बुद्धि
व्यंग्यार्थ = व्यंग्य है जिस अर्थ में
उच्चायोग = उच्च है जो आयोग
भग्नावशेष = भग्न है जो अवशेष
दुरात्मा = दुर (बुरी) है जो आत्मा
चलसम्पति = गतिशील संपत्ति
शुभागमन = शुभ है जो आगमन
आदिप्रवर्तक = आदि है जो प्रवर्तक
परमानन्द = परम है जो आनन्द
अल्पसंख्यक = अल्प है जो संख्या में
श्वेताम्बर = श्वेत है जो अम्बर (वस्त्र)
नीलाम्बर = नीला है जो अम्बर (वस्त्र)
नीलोत्पल = नीला है जो उत्पल(कमल)
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उपमान-उपमेय से संबंधित उदाहरण-
मुखचन्द्र = मुख रूपी चन्द्र
भुजदंड = दंड के समान भुजा
वचनामृत = वचन रूपी अमृत
नरसिंह = नर रूपी सिंह
विद्याधन= विद्या रूपी धन
प्राणधन = प्राण रूपी धन
ग्रंथरत्न = ग्रंथ रूपी रत्न
क्रोधाग्नि = क्रोध रूपी अग्नि
ज्ञानालोक= ज्ञान रूपी आलोक
करकमल = कर रूपी कमल
आशालता = आशा रूपी लता
कीर्तिलता = कीर्ति रुपी लता
देहलता = देह रूपी लता
भवसागर = भव रूपी सागर
मीनाक्षी = मीन के समान अक्षी
प्राणप्रिय = प्राणों के सामान प्रिय
कमलनयन = क्रमल के समान नयन
मुखारविंद = अरविन्द के सामान मुख
कुसुमकोमल = कुसुम के समान कोमल
पाषाणहृदय = पाषाण के समान हृदय
भक्तिसुधा = भक्ति रूपी सुधा
आशा-किरण = आशा रूपी किरण
भुजदंड = दंड के समान भुजा
मृगलोचन = मृग के सामान लोचन
कनकलता = कनक के समान लता
भवजल = भव (संसार) रूपी जल
विरहसागर = विरह रूपी सागर
पुत्ररत्न = रत्न के सामान पुत्र
लोहपुरुष = लोहे के समान पुरुष
शैलोन्नत = शैल के समान उन्नत
मेघकुतंल = मेघ के समान कुतंल
संसारसागर - संसार रूपी सागर
नरव्याघ्र = नर व्याघ्र के समान
प्राणप्रिय = प्राणों के सामान प्रिय
कमलनयन = क्रमल के समान नयन
मुखारविंद = अरविन्द के सामान मुख
कुसुमकोमल = कुसुम के समान कोमल
पाषाणहृदय = पाषाण के समान हृदय
भक्तिसुधा = भक्ति रूपी सुधा
आशा-किरण = आशा रूपी किरण
भुजदंड = दंड के समान भुजा
मृगलोचन = मृग के सामान लोचन
कनकलता = कनक के समान लता
भवजल = भव (संसार) रूपी जल
विरहसागर = विरह रूपी सागर
पुत्ररत्न = रत्न के सामान पुत्र
लोहपुरुष = लोहे के समान पुरुष
शैलोन्नत = शैल के समान उन्नत
मेघकुतंल = मेघ के समान कुतंल
संसारसागर - संसार रूपी सागर
नरव्याघ्र = नर व्याघ्र के समान
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