परिभाषा:-
अपादान तत्पुरुष समास में अपादान कारक का विभक्ति चिह्न “से” (अलग होना) का लोप होता है तथा समास विग्रह करने पर अपादान कारक का विभक्ति चिह्न वापस जोड़ दिया जाता है।
जातिभ्रष्ट = जाति से भ्रष्ट
जीवनमुक्त = जीवन से मुक्त
बंधनमुक्त = बंधन से मुक्त
कार्यमुक्त = कार्य से मुक्त
ऋणमुक्त = ऋण से मुक्त
सेवामुक्त = सेवा से मुक्त
सेवानिवृत = सेवा से निवृत
रोगमुक्त = रोग से मुक्त
पापमुक्त = पाप से मुक्त
दोषमुक्त = दोष से मुक्त
बंधनमुक्त = बंधन से मुक्त
रोगमुक्त = रोग से मुक्त
जन्मांध = जन्म से अँधा
सम्पूर्ण व्याख्या सहित विडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें-
शोभाहीन = शोभा से हीन
नेत्रहीन = नेत्र से हीन
त्रुटिहीन = त्रुटि से हीन
धनहीन = धन से हीन
गुणहीन = गुण से हीन
गुणरहित = गुणों से रहित
जलरिक्त = जल से रिक्त
जलहीन = जल से हीन
रणविमुख = रण से विमुख
देशनिष्कासन = देश से निष्कासन
पदच्युत = पद से च्युत
कर्तव्यच्युत = कर्तव्य से च्युत
हृदयहीन = हृदय से हीन
नरक भय = नरक से भय
आशातीत = आशा से अतीत(परे)
इन्द्रियातीत = इन्द्रियों से अतीत
वर्णनातीत = वर्णन से अतीत
गुणातीत = गुणों से अतीत
कामचोर = काम से जी चुराने वाला
विद्यारहित = विद्या से रहित
लोकोत्तर = लोक से उत्तर(परे)
सम्पूर्ण व्याख्या सहित विडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें-