परिभाषा-
सम्प्रदान तत्पुरुष समास में सम्प्रदान कारक का विभक्ति चिह्न “के लिए” का लोप होता है तथा समास विग्रह करने पर सम्प्रदान कारक का विभक्ति चिह्न वापस जोड़ दिया जाता है।
रसोईघर = रसोई के लिए घर
देशार्पण = देश के लिए अर्पण
रंगमंच = रंग के लिए मंच
घरखर्च = घर के लिए खर्च
कर्णफूल = कर्ण के लिए फूल
रणभूमि = रण के लिए भूमि
रणक्षेत्र = रण के लिए क्षेत्र
युद्धभूमि = युद्ध के लिए भूमि
देवबली = देव के लिए बली
भूतबलि = भूत के लिए बलि
काकबलि = काक के लिए बलि
बलिपशु = बलि के लिए पशु
(पशुबलि = पशु की बलि-संम्बध कारक तत्पुरुष समास होगा।)
गौशाला = गौओं के लिए शाला
पाठशाला = पाठ के लिए शाला
यज्ञशाला = यज्ञ के लिए शाला
लोकहितकारी = लोक के लिए हितकारी
गृहस्थाश्रम = गृहस्थों के लिए आश्रम
अनाथाश्रम = अनाथों के लिए आश्रम
स्नानागार = स्नान के लिए आगार
स्नानघर = स्नान के लिए घर
अन्नागार = अन्न के लिए आगार
सभाभवन = सभा के लिए भवन
विधानसभा = विधान के लिए सभा
(राजसभा = राजा की सभा- संम्बध कारक तत्पुरुष समास होगा।)
धर्मशाला = धर्म के लिए शाला
पुत्रशोक = पुत्र के लिए शोक
यज्ञवेदी = यज्ञ के लिए वेदी
घुड़शाला = घोड़ों के लिए शाला
शपथपत्र = शपथ के लिए पत्र
देवालय = देव के लिए आलय
बंदीगृह = बंदियों के लिए गृह
युववाणी = युवाओँ के लिए वाणी
चिड़ियाघर = चिड़िया के लिए घर
विश्रामगृह = विश्राम के लिए गृह
प्रौढ़शिक्षा = प्रौढ़ोँ के लिए शिक्षा
आवेदन-पत्र = आवेदन के लिए पत्र
परीक्षा-भवन = परीक्षा के लिए भवन
वाचनालय = वाचन के लिए आलय
चिकित्सालय= चिकित्सा के लिए आलय
विद्यामंदिर = विद्या के लिए मंदिर
हवन-सामग्री = हवन के लिए सामग्री
न्यायालय = न्याय के लिए आलय
नाट्यशाला = नाट्य के लिए शाला
कृष्णार्पण = कृष्ण के लिए अर्पण
डाकगाड़ी = डाक के लिए गाडी
मालगाड़ी = माल के लिए गाड़ी
(रेलगाड़ी = रेल (पटरी) पर चलने वाली गाड़ी - लुप्तपद तत्पुरुष समास होगा।)
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