तत्पुरुष समास के उपभेद है
1 नञ समास
2 लुप्तपद समास
3 कर्मधारय समास
4 द्विगु समास
परिभाषाः-
निषेध या अभाव के अर्थ में पूर्वपद “न”, “अ” या “अन/अन्” लगाने से नञ तत्पुरुष समास बनता है, इसके पदों का निषेधात्मक अर्थ प्रकट होता है।
अकारण = न कारण
असत्य= न सत्य
अनाथ = न नाथ के
अगोचर = न गोचर
अचेतन = न चेतन
अटूट = न टूटा (हुआ)
अलग = न लगा हुआ
नापसंद = न पसंद
नगण्य = न गण्य
अनागत = न आगत
अनर्थ = न अर्थ
अनाथ = न नाथ
अयोग्य = न योग्य
अविश्वास = न विश्वास
अमंगल = न मंगल
अधीर = न धीर
अनिष्ट = न इष्ट
अचल = न चल
अछूत = न छूत
अनादि = न आदि
अनबन = न बनना
अप्रिय = न प्रिय
अज्ञान = न ज्ञान
अधीर = न धीर
अमोघ = न मोघ
असुन्दर = न सुन्दर
अपार = न पार
अपरिचित = न परिचित
अपठित = न पठित
अनपढ़ = न पढ़ा
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अमिट = न मिट
अव्यय = न व्यय
अनश्वर = न नश्वर
अनंत = न अंत
अस्थिर = न स्थिर
अमंगल = न मंगल
असंभव = न संभव
अनदेखा = न देखा
अनादर = न आदर
अहित = न हित
अजर = न जर
अमर = न मर
अस्थिर = न स्थिर
अवैध = न वैध
अनावृष्टि =
न वृष्टि
अवैतनिक = न वैतनिक
अनदेखा = न देखा हुआ
अनपढ़ = न पढ़ा हुआ
अलौकिक = न लौकिक
अनदेखा = न देखा (हुआ)
अनचाहा = न चाहा (हुआ)
अकाज = न काज (कार्य)
अन्याय = न न्याय
अनुचित = न उचित
अपूर्ण = न पूर्ण
अज्ञात = न ज्ञात
असम्भव = न सम्भव
अनुपस्थित = न उपस्थित
अचेतन = न चेतन
अजेय = न जेय
असाध्य = न साध्य
अगोचर = न गोचर
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