23 April, 2021

dirgh sandhi in hindi / दीर्घ संधि, दीर्घ स्वर सन्धि हिंदी व्याकरण

 परिभाषा

जब दो समान /, / , / ह्रस्व-ह्रस्व या दीर्घ-दीर्घ स्वर या दीर्घ-ह्रस्व या ह्रस्व-दीर्घ स्वर मिलकर दीर्घ में बदल जाते है। वह दीर्घ स्वर सन्धि कहलाती है।

/ + /=

/ + /=

/ + /=

 

/ + /= आ के उदाहरण-

विद्या + अंचल विंद्याचल, 

श्रद्धा अंजलि श्रद्धांजली, 

देव असुर देवासुर, 

महा आशय महाशय, 

क्रम अनुसार क्रमानुसार, 

दया आनन्द दयानन्द, 

धर्म अर्थ धर्मार्थ, 

बाल्य अवस्था बाल्यावस्था, 

राम अर्चन रामार्चन, 

कमल आसन कमलासन, 

चरण अरविन्द चरणारविन्द, 

सिंह आसन सिंहासन, 

पीत अम्बर पीताम्बर, 

कंस अरि कंसारि, 

मुर अरि मुरारि, 

कृष्ण अर्जुन कृष्णार्जुन, 

सत्य अर्थ सत्यार्थ, 

कर्तव्य अकर्तव्य कर्तव्याकर्तव्य 

मत्स्य अवतार मत्स्यावतार, 

धर्म अधर्म धर्माधर्म, 

अन्न अभाव अन्नाभाव, 

वराह अवतार वराहावतार, 

बाण आहत बाणाहत, 

कृष्ण आगमन कृष्णागमन, 

गीता अध्याय गीताध्याय, 

तथा अपि तथापि, 

मरण आतुर मरणातुर, 

काम आतुर कामातुर आदि।


/ + /= ई के उदाहरण-

मही + इन्द्र = महीन्द्र

महि + ईश = महीश

यति + इन्द्र = यतीन्द्र

रजनी + ईश = रजनीश,

कपि + ईश = कपीश

प्रति + इक = प्रतीक

अति + इत = अतीत

प्रति + इक्षा = प्रतीक्षा,

परि + इक्षा = परीक्षा

गिरि + ईश = गिरीश

गिरि न्द्र गिरीन्द्र, 

नदी ईश नदीश, आदि।


 / + /= ऊ के उदाहरण-

लघु + उत्तर = लघूत्तर

भू + ऊर्जा = भूर्जा

भू ऊपरि = भूपरि, 

भानु + उदय = भानूदय

भानु ऊर्जा = भानूर्जा

वधू + उल्लेख = वधूल्लेख

वधू उत्सव = वधूत्सव

सिंधु + ऊर्मि = सिंधूर्मि, 

अम्बु ऊर्मि अंबूर्मि

सरयू ऊर्मि सरयूर्मि

गुरु + उपदेश = गुरूपदेश आदि।


सम्पूर्ण व्याख्या सहित विडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें-

https://youtu.be/CfAPpZF0Tik

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