परिभाषा-
जब अ अथवा आ के आगे ए या ऐ आने पर – ऐ तथा ओ या औ आने पर - औ हो जाता है, वह वृद्धि स्वर सन्धि कहलाती है।
अ/आ + ए/ऐ = ऐ
अ/आ + ओ/औ = औ
अ/आ + ए/ऐ = ऐ के उदाहरण
लोक + एषणा = लोकैषणा,
पुत्र + एषणा = पुत्रैषणा,
सदा + एव = सदैव,
तथा + एव = तथैव,
वसुधा + एव = वसुधैव,
एक + एक = एकैक,
महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य,
हित + एषि = हितैषि,
मत + एक्य = मतैक्य आदि।
अ/आ + ओ/औ = औ के उदाहरण
वन + औषधि = वनौषधि,
महा + औषधि = महौषधि,
परम + औषधि = परमौषधि,
दिव्य + औषधि = दिव्यौषधि,
महा + ओजस्वी = महौजस्वी,
परम + ओजस्वी = परमौजस्वी,
भाव + औचित्य = भावौचित्य,
दन्त + ओष्ठ = दन्तौष्ठ आदि।
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