27 April, 2021

ayadi sandhi in hindi / अयादि संधि, स्वर संधि, हिंदी व्याकरण

 परिभाषा-

जब /, / के आगे कोई भी भिन्न स्वर आता है तो के स्थान पर -  अय् और के स्थान पर -  आय् और के स्थान पर - अव् और  के स्थान पर - आव् हो जाता है तथा दूसरे पद का प्रथम वर्ण यथावत रहता है वह अयादि स्वर सन्धि कहलाती है।

  / + भिन्न स्वर   =  अय्  / आय् +  भिन्न स्वर यथावत

  / + भिन्न स्वर  =  अव् / आव् + भिन्न स्वर यथावत

 

+ भिन्न स्वर = अय् + भिन्न स्वर यथावत- के उदाहरण

ने + अन = नयन,

चे + अन =  चयन,

शे + अन =  शयन,

 ने + = नय,

 जे + = जय,

विजे + =  विजय,

 ले + = लय,

 संचे + = संचय,

 विने + = विनय,

 उदे + = उदय,

 विले + = विलय आदि।

 

  + भिन्न स्वर = आय् + भिन्न स्वर यथावत- के उदाहरण

नै + अक = नायक,

नै + इका = नायिका,

 विनै + अक = विनायक,

विधै + अक =  विधायक,

 गै + इका = गायिका,

गै + अक =  गायक,

 शै + अक = शायक,

पै + अक =  पायक,

 दै + इनी = दायिनी आदि।

 

+ भिन्न स्वर = अव् + भिन्न स्वर यथावत- के उदाहरण

पो + अन = पवन,

 हो + अन = हवन,

श्रो + अन = श्रवण,

भो + अन = भवन,

 भो + = भव,

 गो + ईश = गवीश,

 गो + एषण = गवेषण,

 प्रसो + = प्रसव आदि।

 

+ भिन्न स्वर = आव़् + भिन्न स्वर यथावत- के उदाहरण

पौ + अक = पावक,

 पौ + अन = पावन,

 श्रौ + अन = श्रावण,

 शौ + अक = शावक,

 भौ + उक = भावुक,

 भौ + = भाव,

 भौ + अना = भावना,

 प्रभौ + = प्रभाव,

 धौ + अक = धावक आदि।


सम्पूर्ण व्याख्या सहित विडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें-

https://youtu.be/u5thtBScn4g


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