नियम 3
यदि म् का मेल क् से म् तक किसी व्यजंन से होने पर म् सामने वाले वर्ण के पंचम वर्ण या अनुस्वार (अं) में बदल जाता है लेकिन म् का मेल म् से होने पर अनुस्वार नही बनता केवल म्म बन जाता है। दूसरे पद का प्रथम वर्ण यथावत रहता है।
म् + क् से म् = V/º + यथावत
अलम् + कार = अलङ्कार/अलंकार,
अलम् + करण = अलङ्करण/अलंकरण,
अलम् + कृति = अलङ्कृति/अलंकृति,
सम् + बोधन = सम्बोधन/संबोधन,
सम् + तोष = सन्तोष/संतोष,
सम् + भव = सम्भव/संभव,
सम् + कलन = सङ्कलन /संकलन,
सम् + बंध = सम्बंध/ संबंध,
सम् + मति = सम्मति (म् का पंचम वर्ण म् ही होता है।) आदि।
नियम 4
यदि म् का मेल य् र् ल् व् श् ष् स् ह् से होने पर म् - अनुस्वार (अं) में बदल जाता है। दूसरे पद का प्रथम वर्ण यथावत रहता है।
म् + य् र् ल् व् श् ष् स् ह् = अं + यथावत
सम् + रचना = संरचना,
सम् + हार = संहार,
सम् + रक्षण = संरक्षण,
सम् + लग्न = संलग्न,
सम् + वत् = संवत्,
सम् + सार = संसार,
सम् + विधान = संविधान,
सम् + शय = संशय,
सम् + यम = संयम, आदि।
सम्पूर्ण व्याख्या सहित विडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें-