परिभाषाः-
समाहार का अर्थ है, समूह। इसमें न केवल दो वस्तुओं का अर्थ प्रस्तुत करने के लिए दो शब्दों का प्रयोग किया जाता है, बल्कि वस्तुओं आदि के एक समूह को व्यक्त करने के लिए दो शब्दों द्वारा समास बना लिया जाता है। अर्थात दो पदों का प्रयोग बहुत सारी वस्तुओं के अर्थ में होता है।
ऐसे समस्त पदों का विग्रह करते समय पद के अंत में इत्यादि या आदि का प्रयोग किया जाता है, जिससे पद से संबंधित समस्त जाति/समूह अर्थ समझा जा सके।
जैसे- ‘ग़रीब आदमी को दाल-रोटी भी ठीक से नसीब नहीं होती है।’ वाक्य में दाल-रोटी का आशय केवल दाल और रोटी से ही नहीं है बल्कि दाल, रोटी तथा जीवन-निर्वाह की अन्य अत्यंत ज़रूरी वस्तुओं से भी है अतः यहाँ दाल-रोटी समास का विग्रह होगा- दाल, रोटी इत्यादि होगा क्योंकि यहाँ दाल-रोटी स्वयं दाल और रोटी के लिए न आकर दाल, रोटी जैसी अनेक वस्तुओं के लिये आये हैं।
समाहार द्वंद्व समास के उदाहरण
कीड़े-मकोड़े = कीड़े, मकोड़े आदि (सभी प्रकार के कीड़े, मकोड़े)
कीट-पतंगें = कीट, पतंगें आदि (सभी जन्तु जगत)
हाथ-पाँव = हाथ, पाँव आदि (सभी शारीरिक अंग)
नाक-कान = नाक, कान आदि (सभी अंग)भूल-चूक = भूल या चूक (लेन देन में हुई सभी गलतियाँ)
जलवायु = जल वायु आदि (वातावरण की सभी परिस्थितियाँ)
रुपया-पैसा = रुपया, पैसा आदि (संपत्ति)
रोना-धोना = रोना, धोना आदि (संपूर्ण विलाप)
नहाया-धोया = नहाया, धोया आदि (नहाने की पूरी प्रक्रिया)
घर-आँगन = घर, आँगन आदि (पूरा घर)
नोन-तेल = नोन (नमक), तेल आदि (रसोई के प्रयुक्त सामग्री)
नमक-मिर्च = नमक, मिर्च आदि (रसोई के प्रयुक्त सामग्री)
लेन-देन = लेन, देन आदि (परस्पर व्यवहार)
घास-पात = घास, पात आदि (संपूर्ण कूड़ा)
बाप-दादा = बाप, दादा आदि (समस्त पुरखे)
बाल-बच्चे = बाल, बच्चे आदि (सम्पूर्ण घर परिवार)
बहू-बेटी = बहू, बेटी आदि (घर की सारी औरतें)
कपड़े-लत्ते = कपड़े, लत्ते आदि (समस्त आवश्यक सामग्री)
खाना-पीना = खाना, पीना आदि (संपूर्ण आहार)
चाय-पानी = चाय, पानी आदि (पूरा नास्ता)
साग-पात = साग, पात आदि (समस्त खाद्य पदार्थ)
भूत-प्रेत = भूत, प्रेत आदि (समस्त अमानवीय तत्त्व)
लूट-मार = लूट, मार आदि (सम्पूर्ण उत्पीड़न-क्रिया)
आगा-पीछा = आगा, पीछा आदि (सभी तरफ)
काम-काज = काम, काज आदि (सभी प्रकार के कार्य)
मोल-तोल = मोल, तोल आदि (तोल, माप की समस्त इकाई)
रहन-सहन = रहन, सहन आदि (जीवन-शैली संबंधी क्रियाएँ)
रोक-टोक = रोक, टोक आदि (मना करने के सभी तरीके)
Note
हिंदी में समाहार द्वंद्व एक मुख्य शब्द पर केंद्रित समान-सी ध्वनिवाले शब्द का प्रयोग करके निर्मित किया जाता है; जैसे- पड़ोसी शब्द मुख्य है तो उसके पहले “अड़ोसी” लगाकर (अड़ोसी-पड़ोसी), सामने के पहले “आमने” लगाकर (आमने-सामने) बना दिया।
अड़ोसी-पड़ोसी = पड़ोसी आदि
आमने-सामने = सामने आदि
अगल-बगल = बगल इत्यादि
चाय-वाय = चाय आदि
ढीला-ढाला = ढीला आदि
रोटी-वोटी = रोटी आदि
सम्पूर्ण व्याख्या सहित विडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें-