नियम 5
विसर्ग के पहले अ और विसर्ग के बाद य, र, ल, व, ह या तीसरा, चौथा वर्ण हो तो विसर्ग का ओ हो जाता है।
अ+: + य/र/ल/व/ह/III/IV = ओ + यथावत
नियम 5 के उदाहरण
तेज: + राशि = तेजोराशी,
तेज: + पुंज = तेजोपुंज,
तेज: + मय = तेजोमय,
अध: + गति = अधोगति,
अध: + वस्त्र = अधोवस्त्र,
अध: + लिखित = अधोलिखित,
अध: + गामी = अधोगामी,
मन: + रथ = मनोरथ,
तप: + बल = तपोबल,
तप: + वन = तपोवन,
तप: + मय = तपोमय,
तप: + भूमि = तपोभूमि,
मन: + हर = मनोहर,
मन: + विज्ञान = मनोविज्ञान,
मन: + भाव = मनोभाव,
मन: + गत = मनोगत,
मन: + रम = मनोरम,
मन: + ज = मनोज,
मन: + विनोद = मनोविनोद,
मन: + रंजन = मनोरंजन,
मन: + विकार = मनोविकार,
मन: + बल = मनोबल,
मन: + नीत = मनोनीत,
यश: + गान = यशोगान,
यश: + गाथा = यशोगाथा,
यश: + धरा = यशोधरा,
यश: + धन = यशोधन,
यश: + लाभ = यशोलाभ,
रज: + गुण = रजोगुण,
पय: + द = पयोद,
पय: + धि = पयोधि,
पय: + धर = पयोधर,
सर: + ज = सरोज,
यश: + दा = यशोदा,
सर: + वर = सरोवर,
शिर: + मणी = शिरोमणी,
शिर: + रुह = शिरोरुह
नियम 6
विसर्ग के पहले अ और बाद में भी अ हो तो विसर्ग का ओ या ओ+अवग्रह (ऽ) हो जाता है। और द्वितीय पद के अ का लोप हो जाता है।
अ + : + अ= ओ/ओ+ऽ + लोप
नियम 6 के उदाहरण
यश: + अभिलाषा = यशोभिलाषा / यशोऽभिलाषा
मन: + अभिराम = मनोभिराम / मनोऽभिराम,
मन: + अनुकूल = मनोनुकूल /
मनोऽनुकूल,
मन: + अविराम = मनोविराम /
मनोऽविराम,
मन: + अनुसर = मनोनुसार /
मनोऽनुसार,
प्रथम: + अध्याय = प्रथमोध्याय / प्रथमोऽध्याय,
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